Kal Tak uadti thi jo mooh tak Leave a Comment / By admin1 / May 14, 2016 कल तक उड़ती थी जो मुँह तक , आज पैरों से लिपट गई । चंद बूँदे क्या बरसी बरसात की , धूल की फ़ितरत ही बदल गई । 🙂